चंचल जीवन स्रोत
चंचल जीवन स्रोत बहता व्याकुल वेग, पुलिन-फेन-परिप्रोत सुख दुख, हर्षोद्वेग! ले बहु भाव तरंग भंगुर बुद्बुद् गान मिलता वारिधि संग एक रूप हो, प्राण!

Read Next