उमर रह धीर वीर बन रह
उमर रह, धीर वीर बन रह, सुरा के हित अधीर बन रह! प्रेम का मंत्र याद कर रह, न व्यर्थ विवाद वाद कर रह! प्रणय की पंथ धूल बन रह, सदा हँस, गंध फूल बन रह! किसी की मधुर चाह बन रह, यार के लिए राह बन रह!

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