मुझे यदि मिले स्वर्ग का द्वार
मुझे यदि मिले स्वर्ग का द्वार विनय हो मेरी बारंबार, मदिर अधरों वाली सुकुमारि पिलाए मुझे प्रणय मधु धार! नहीं मुझमें ऐसा तप त्याग मिले मुझको दुर्लभ अपवर्ग, हृदय में जो साक़ी की आग सुरा की घूँट मुझे हो स्वर्ग!

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