उमर दो दिन का यह संसार
उमर दो दिन का यह संसार लबालब भर ले उर भृंगार! क्षणिक जीवन यौवन का मेल, सुरा प्याली का फेनिल खेल! देख, वन के फूलों की डाल ललक खिलती, झरती तत्काल! व्यर्थ मत चिन्ता कर, नादान, पान कर मदिराधर कर पान!

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