रम्य मधुवन हो स्वर्ग समान
रम्य मधुवन हो स्वर्ग समान, सुरा हो, सुरबाला का गान! तरुण बुलबुल की विह्वल तान प्रणय ज्वाला से भर दे प्राण! न विधि का भय, न जगत का ज्ञान, स्वर्ग की स्पृहा, नरक का ध्यान,-- मदिर चितवन पर दूँ जग वार चूम अधरों की मदिरा-धार!

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