मदिराधर कर पान, सखे!
मदिराधर कर पान, सखे, तू न धर न जुमे का ध्यान, लाज स्मित अधरामृत कर पान! सभी एक से तिथि, मिति, वासर, जुमा, पीर, इतवार, शनीचर! नीति-नियम निःसार! धर्म का यह इज़हार, ख़ुदा है ख़ुदा, न वह तिथि वार!

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