जीवन का उल्लास
जीवन का उल्लास,-- यह सिहर, सिहर, यह लहर, लहर, यह फूल-फूल करता विलास! रे फैल-फैल फेनिल हिलोल उठती हिलोल पर लोल-लोल; शतयुग के शत बुद्बुद् विलीन बनते पल-पल शत-शत नवीन; जीवन का जलनिधि डोल-डोल, कल-कल छल-छल करता किलोल! डूबे दिशि-पल के ओर-छोर महिमा अपार, सुखमा अछोर! जग-जीवन का उल्लास,-- यह सिहर, सिहर, यह लहर, लहर, यह फूल-फूल करता विलास!

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