मेरा प्रतिपल सुन्दर हो
मेरा प्रतिपल सुन्दर हो, प्रतिदिन सुन्दर, सुखकर हो, यह पल-पल का लघु-जीवन सुन्दर, सुखकर, शुचितर हो! हों बूँदें अस्थिर, लघुतर, सागर में बूँदें सागर, यह एक बूँद जीवन का मोती-सा सरस, सुघर हो! मधुऋतु के कुसुम मनोहर, कुसुमों की ही मधु प्रियतर, यह एक मुकुल मानस का प्रमुदित, मोदित, मधुमय हो! मेरा प्रतिपल निर्भय हो, निःसंशय, मंगलमय हो, यह नव-नव पल का जीवन प्रतिपल तन्मय, तन्मय हो!

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