सुन्दर विश्वासों से ही
सुन्दर विश्वासों से ही बनता रे सुखमय-जीवन, ज्यों सहज-सहज साँसों से चलता उर का मृदु स्पन्दन। हँसने ही में तो है सुख यदि हँसने को होवे मन, भाते हैं दुख में आते मोती-से आँसू के कण! महिमा के विशद-जलधि में हैं छोटे-छोटे-से कण, अणु से विकसित जग-जीवन, लघु अणु का गुरुतम साधन! जीवन के नियम सरल हैं, पर है चिर-गूढ़ सरलपन; है सहज मुक्ति का मधु-क्षण, पर कठिन मुक्ति का बन्धन!

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