तारों का नभ
तारों का नभ! तारों का नभ! सुन्दर, समृद्ध आदर्श सृष्टि! जग के अनादि पथ-दर्शक वे, मानव पर उनकी लगी दृष्टि! वे देव-बाल भू को घेरे भावी भव की कर रहे पुष्टि! सेबों की कलियों-सा प्रभूत वह भावी जग-जीवन-विकास! मानव का विश्व-मिलन पवित्र, चेतन आत्माओं का प्रकाश! तारों का नभ! तारों का नभ! अंकित अपूर्व आदर्श-सृष्टि! शाश्वत शोभा का खिला अदन, अब होने को है पुष्प-वृष्टि! चाँदनी चेतना की अमन्द अग-जग को छू दे रही तुष्टि!

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