जीवन का फल
जीवन का फल, जीवन का फल! यह चिर यौवन-श्री से मांसल! इसके रस में आनन्द भरा, इसका सौन्दर्य सदैव हरा; पा दुख-सुख का छाया-प्रकाश परिपक्व हुआ इसका विकास; इसकी मिठास है मधुर प्रेम, औ’ अमर बीज चिर विश्व-क्षेम! जीवन का फल, जीवन का फल! इसका रस लो,--हो जन्म सफल। तीखे, चमकीले दाँत चुभा चाबो इसको, क्यों रहे लुभा? निर्भीक बनो, साहसी, शक्त, जीवन-प्रेमी,--मत हो विरक्त। सुन्दर इच्छा की धरो आग, प्रिय जगती पर दयितानुराग!

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