Harivansh Rai Bachchan
( 1909 - 2003 )

Harivansh Rai Srivastava alias Bachchan (Hindi: हरिवंश राय बच्चन) was a noted Indian poet of the Nayi Kavita literary movement (romantic upsurge) of early 20th century Hindi literature. Born in a Srivastava Kayastha family, in the village of Babupatti (Raniganj) in the district of Pratapgarh, he was also a famous poet of the Hindi Kavi Sammelan. He is best known for his early work Madhushala (मधुशाला). He is also the husband of social activist, Teji Bachchan, and father of the noted Hindi film actor, Amitabh Bachchan. In 1976, he was honoured with the Padma Bhushan for his immense contribution to Hindi literature. More

सरलता से कुछ नहीं मुझको मिला है, जबकि चाहा है कि पानी एक चुल्लू पिऊँ, मुझको खोदना कूआँ पड़ा है....

है पावस की रात अँधेरी! विद्युति की है द्युति अम्बर में, जुगुनूँ की है ज्योति अधर में, नभ-मंड्ल की सकल दिशाएँ तम की चादर ने हैं घेरी!...

मैं जीवन की शंका महान! युग-युग संचालित राह छोड़, युग-युग संचित विश्वास तोड़! मैं चला आज युग-युग सेवित,...

कोई नहीं, कोई नहीं! यह भूमि है हाला-भरी, मधुपात्र-मधुबाला-भरी,...

अब समाप्‍त हो चुका मेरा काम। करना है बस आराम ही आराम। अब न खुरपी, न हँसिया, न पुरवट, न लढ़िया,...

काल छीनने दु:ख आता है जब दु:ख भी प्रिय हो जाता है नहीं चाहते जब हम दु:ख के बदले चिर सुख भी! साथी साथ ना देगा दु:ख भी!...

प्राण, कह दो, आज तुम मेरे लिए हो । मैं जगत के ताप से डरता नहीं अब, मैं समय के शाप से डरता नहीं अब, आज कुंतल छाँह मुझपर तुम किए हो...

मैं तो बहुत दिनों पर चेता । श्रम कर ऊबा श्रम कण डूबा सागर को खेना था मुझको रहा शिखर को खेता...

तुम गा दो, मेरे गान अमर हो जाए! मेरे वर्ण-वर्ण विश्रृंखल, चरण-चरण भरमाए, गूँज-गूँजकर मिटने वाले...

गुण तो नि:संशय देश तुम्‍हारे गाएगा, तुम-सा सदियों के बाद कहीं फिर पाएगा, पर जिन आदर्शों को तुम लेकर तुम जिए-मरे, कितना उनको...