Ali Sikandar
Jigar Moradabadi
( 1890 - 1960 )

Jigar Moradabadi (Hindi: जिगर मुरादाबादी), was the nom de plume of Ali Sikandar, one of the most famous Urdu poets of the 20th century and a celebrated Urdu ghazal writer. He received the Sahitya Akademi Award in 1958 for his highly acclaimed poetry collection "Atish-i-Gul" More

इधर से भी है सिवा कुछ उधर की मजबूरी कि हम ने आह तो की उन से आह भी न हुई...

जो उन पे गुज़रती है किस ने उसे जाना है अपनी ही मुसीबत है अपना ही फ़साना है...

हुस्न के एहतिराम ने मारा इश्क़ बे-नंग-ओ-नाम ने मारा वादा-ए-ना-तमाम ने मारा रोज़ की सुब्ह ओ शाम ने मारा...

मौत क्या एक लफ़्ज़-ए-बे-मअ'नी जिस को मारा हयात ने मारा...

मैं तो जब मानूँ मिरी तौबा के बाद कर के मजबूर पिला दे साक़ी...

मिरी हस्ती है मिरी तर्ज़-ए-तमन्ना ऐ दोस्त ख़ुद मैं फ़रियाद हूँ मेरी कोई फ़रियाद नहीं...

हुस्न-ए-काफ़िर-शबाब का आलम सर से पा तक शराब का आलम अरक़-आलूद चेहरा-ए-ताबाँ शबनम-ओ-आफ़्ताब का आलम...

आई जब उन की याद तो आती चली गई हर नक़्श-ए-मा-सिवा को मिटाती चली गई हर मंज़र-ए-जमाल दिखाती चली गई जैसे उन्हीं को सामने लाती चली गई...

दिल में किसी के राह किए जा रहा हूँ मैं कितना हसीं गुनाह किए जा रहा हूँ मैं दुनिया-ए-दिल तबाह किए जा रहा हूँ मैं सर्फ़-ए-निगाह-ओ-आह किए जा रहा हूँ मैं...

गुदाज़-ए-इश्क़ नहीं कम जो मैं जवाँ न रहा वही है आग मगर आग में धुआँ न रहा...